बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को पार्टी के विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा और विधायक व राष्ट्रीय महासचिव रामअचल राजभर को पार्टी से निष्कासित कर दिया।इस कार्रवाई के बाद पार्टी के पास सिर्फ सात विधायक बचे हैं। पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनावों में 19 सीटें जीती थी। अम्बेडकर नगर की सीट उपचुनावों में हारने व पिछले साढ़े चार सालों में पार्टी विरोधी गतिविधियों में 9 विधायकों के पार्टी से निलंबन के चलते सदन में पार्टी के सदस्यों की संख्या 7 रह गई है । मौजूद निष्कासन की कार्रवाई से बसपा की आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को झटका लगा है।पार्टी से जुड़े जानकारों का कहना है पिछले कई दिनों से एक राजनीतिक दल में शामिल होने की अटकलों के बीच ये निष्कासन की कार्रवाई हुई है। लालजी वर्मा और राजभर को पिछड़ी जाति के मजबूत नेता के तौर पर देखा जाता है । लालजी वर्मा पांच बार के विधायक है और राम अचल राजभर सात बार विधायक रह चुके है।पूर्वांचल में अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं पर उनकी मजबूत पकड़ है।बताया जा रहा है कि दोनों ही नेता हाल ही में सम्पन्न जिला पंचायत चुनावों में पार्टी समर्थित प्रत्याशियों को हरवाने और एक अन्य राजनीतिक दल को चुनाव में लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे। ये भी कयास लगाए जा रहे थे कि आगामी विधानसभा चुनावों में ये लोग इस राजनीतिक दल में शामिल हो सकते है । हालांकि बसपा सुप्रीमो ने दोनों विधायकों के निष्कासन को लेकर साफ कर दिया है कि पार्टी भविष्य में इन दोनों विधायको को चुनाव नही लड़ाएगी । इसी बीच पार्टी ने लालजी वर्मा को निष्कासित करने के बाद ही आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर सीट से विधायक शाह आलम जमाली को पार्टी विधानमण्डल दल का नेता नामित किया है।
Man Arrested From Gorakhpur for Threatening to Kill PM Modi and CM Adityanath
Early in the morning of Monday, June 15th, an alarming scene unfolded in Gorakhpur, India. A man, identified as Shabir...
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